वाराणसी। चैक थाना क्षेत्र के घनी आबादी भूलेटन में केमिकल बिक्रेता के घर आग लगने से किस तरह से नियम कानून की धज्जि उड रही है ज्वलंत उदाहरण है।घनी आबादी में प्रत्येक मकान दीवार एक दूसरे के सटा हुआ है।आग की लपट फैल जाती तो इतना बडा हादसा होता कि जिसका कल्पना नही की जा सकती है।वैधानिक प्राविधान है कि घनी आबादी में ऐसा कोई काम नही किया जाता सकता है जिससे प्रदुषण फैले या जनजीवन के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पडे।बावजूद इसके सरकार द्वारा जनहित में बनाये गये नियम कानून की धज्जी उडाते हुए बेखौफ घनी आबादी के बडे इलाके के वातावरण को प्रदूषित किया जा रहा है।

चैक क्षेत्र के रेशम कटरा, कर्णघंटा, गोविंदपुरा, मच्छरहटटा फाटक, सुडिया, ठठेरी बाजार बहुत ही घनी आबादी वाला इलाका होने के साथ ही कारोबार का बडा केंद्र है। उर्पयुक्त बाजारों मेे बडे पैमाने पर सराफा का कारोबार होता है।जिसके कारण उस क्षेत्र में बडे पैमाने पर आभूषण बनाने वाले कारिगर भी काम करते है जिसमें गैस सिलेंडर का उपयोग किया जाता है।भवन स्वामी द्वारा अवैध रुप से किये जा रहे गैस सिलेंडर के उपयोग पर आपत्ति किये जाने पर भी नही मानते है। इसके अलावा सोने-चॉदी की बटिया व जेवरों को गलाने के लिए बडे पैमाने पर गलाई के लिए भटिठयां भी संचालित होती है जहा सोने-चॉदी की गलाई व छनाई होती है।

जिसमें केडिएम नामक रसायनिक पदार्थ और तेजाब का उपयोग बंडे पैमाने पर होता है।सोने-चॉदी के मानक की जानकारी के लिए टंच किया जाता है उसमें भी तेजाब सहित घातक केमिकल का उपयोग किया जाता है जो जनजीवन के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही धातक है।घनी आबादी में पर्यावरण दूषित होने की जानकारी प्रदूषण विभाग को होने के बावजूद विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा उस पर लगाम लगाने के लिए जनहित मे कारगर कार्यवाही नही की जा रही है जिसके कारण तरह-तरह के चर्चाए हो रही है।

घनी आबादी में रहने वाले लोगों का जीवन पूरी तरह से असुरक्षित जोखिम भरा हो गया है।प्रतिदिन बडे पैमाने पर तेजाब,केडिएम का उपयोग के अलावा आभूषण का निर्माण करने में बडे पैमाने पर अवैध रुप से गैस सिलेडर का उपयोग किया जाता है जो जन जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक हैं।तेजाब,केडिएम के उपयोग से पिलिया,दमा जैसे घातक विमारियों से लोग ग्रसित हो जाते है। नियम कानून का पालन कराने वाले प्रशासनिक अधिकारी आख मुदे हुए है।गौरतलब है कि प्रदेश के सख्त मिजाज मुखिया आदित्यनाथ योगी नियम कानून पालन कराने के लिए मातहतों को सख्त निर्देश दिये हुए है बावजूद इसके नियम कानून के विपरित घनी आबादी में हो रहे कार्यो पर जिले के किसी भी जिम्मेंदार अधिकारी की निगाह नही जा रही है।

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