कमिश्नरेट पुलिस ने बनाई रणनीति
वाराणसी, सन्मार्ग। वाराणसी में लगातार अतिक्रमण की समस्या को देखते हुए अब कुछ मजबूत कदम उठाने की ओर सख्त शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू करने पर पुलिस पूरा ध्यान दे रही है। इसी क्रम में थानों में तैनात 200 कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, दरोगा और इंस्पेक्टर को ट्रैफिक पुलिस में शिफ्ट करने का प्लान बनाया गया है। इसके लिए पुलिस कमिश्नर ने नाम मांगा है। यदि निर्धारित संख्या में नाम न आए तो पुलिस आयुक्त खुद पुलिसकर्मियों को चयनित कर ट्रैफिक पुलिस में शिफ्ट करेंगे। यह व्यवस्था जल्द अमल में लाई जाएगी।
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल का निर्देश है कि प्रत्येक थाने के 25 प्रतिशत पुलिस कर्मी रोजाना ट्रैफिक पुलिस के साथ समन्वय बनाकर यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएं। जाम की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी भी मौके पर जाकर समस्या का समाधान कराएं। हालांकि ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में पुलिस आयुक्त ने 200 पुलिसकर्मियों को ट्रैफिक पुलिस में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है।
पुलिस का मुख्य फोकस सड़क पर अतिक्रमण पर रहेगा। अतिक्रमण की वजह से अक्सर जाम की स्थिति पैदा होती है। ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चौराहों-तिराहों और मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण न हो। ठेला-पटरी दुकानदार, ऑटो व ई-रिक्शा अपनी निर्धारित जगह पर ही रहें। सड़क पर बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े न होने पाएं। ताकि जाम की समस्या से निजात मिल सके।
सुस्त थानेदारों की जाएगी थानेदारी, तेजतर्रार इंस्पेक्टर चलाएंगे थाना
वाराणसी। कामकाज में सुस्त थानेदारों की थानेदारी 15 दिनों बाद जानी तय है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने थानेदारों के कामकाज की मानीटरिंग खुद शुरू कर दी है। सीपी थानों का निरीक्षण कर थानेदारों की कार्यप्रणाली की पड़ताल कर रहे हैं। थानेदारों की कामकाज के आधार पर नंबर आधारित रिपोर्ट तैयार होगी। कम नंबर वाले थानेदार हटाए जाएंगे। उनके स्थान पर तेजतर्रार व बेहतर कार्यक्षमता वाले थानेदारों को मौका दिया जाएगा।