लखनऊ। रायबरेली में ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से 19,184 फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बन गए। मामला सलोन विकास खंड का है। एटीएस की जांच में पता चला कि आतंकी संगठन से जुड़े सदस्यों के भी प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। फर्जीवाड़े की जांच सलोन से भाजपा विधायक अशोक कुमार की दखल के बाद एटीएस को सौंपी गई है। विधायक अशोक कुमार ने बताया- करीब 6 महीने पहले केरल में आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसका पहचान पत्र रायबरेली के सलोन ब्लॉक के पाल्हीपुर गांव के पते पर बना मिला। इसके बाद जांच एजेंसी की जांच की दिशा बदल गई।

विधायक अशोक कुमार ने बताया, केरल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने यूपी पुलिस से संपर्क किया। जांच टीम एक हफ्ते पहले केरल से रायबरेली पहुंची। यहां के स्थानीय प्रशासन से संपर्क करके पाल्हीपुर गांव पहुंची। यहां ग्राम विकास अधिकारी नित्यानंद राय से मुलाकात कर जानकारी ली।

नित्यानंद राय ने मामले में अनभिज्ञता जताई। उन्होंने दस्तावेज चेक किए तो होश उड़ गए। जांच में सामने आया कि पहचान पत्र 1 महीने पहले तक उस गांव में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव ने जारी किया था। इसके बाद पुलिस विजय यादव तक पहुंची। अशोक कुमार के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने सबसे पहले ढ्ढक्क एड्रेस पता किया, जहां से प्रमाणपत्र बना था। ये एक जनसेवा केंद्र का निकला। पुलिस ने उसके संचालक को उठा लिया। दस्तावेज को खंगाला गया तो उसके पास ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव का सीयूजी नंबर और उनके डिजिटल साइन का आईडी पासवर्ड मिला। इसके बाद पुलिस ने विजय यादव को भी हिरासत में ले लिया।

विधायक ने बताया- सुरक्षा एजेंसियों ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि विजय यादव की आईडी से करीब 20 हजार फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए थे। इसमें ज्यादातर जन्म प्रमाण पत्र थे, जो 5000 में बनाए जा रहे थे। मामला देश की सुरक्षा से जुडऩे के बाद पुलिस ने संजीदगी दिखाई।

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