एक समय की बात है एक बहुत ही नटखट परी थी। वह पूरी दुनिया देखना चाहती थी। यह सोचकर वह अपने सभी लोगों से अलग हो गई। वह हर दिन बहुक दूर-दूर तक जाती और नए लोग व नई दुनिया देखती थी। एक दिन वह उड़ती हुई एक घर के पास पहुंची। वहां पर वह खिड़की के पास छिप गई। उसने देख उस घर में एक लड़का अपनी मां से जिद्द कर रहा था कि उसे परी देखना है।
उसकी मां उसे समझा रही थी कि परियां सिर्फ आसमान में रहती हैं। जब आसामान पूरी तरह से साफ हो जाए, तब तुम उन्हें देख सकते है। अभी रात हो गई है सो जाओ और सुबह जब आसामन साफ होगा तो परी को देख लेना।
मां की बात सुनकर वह लड़का सोने लगता है, लेकिन इसे नींद नहीं आती है। तभी खिड़की पर उसे नटखट परी दिखाई देती है। वह उसे घर के अंदर लेकर आता है। उसने देखा वह नटखट परी बहुत ही छोटी है। दोनों साथ में खेलने लगते हैं। नटखट परी उसे अपना जादू दिखा रही थी और वह लड़का भी खुश होकर नाचता।
तभी लड़के के कमरे इस तरह की शोर सुनकर वहां पर उसकी मां आने लगती है। लड़का नटखट परी से कहता है कि अब तुम्हें यहां से जाना होगा। मेरी मां आ रही हैं। लड़के की बात सुनकर नटखट परी वहां से उड़ जाती है और लड़का चुपचाप लेटकर सोने का नाटक करने लगता है।
जब मां ने दरवाजा खोला तो देखा उसका बेटा तो सो रहा है। उसने सोचा उसे कोई भ्रम हुआ होगा और वह भी अपने कमरे में सोने चली गई।
कहानी से सीख – हर किसी में एक नटखट और शरारती पन छिपा होता है। फिर चाहे कोई बच्चा हो या कोई बड़ा आदमी।