मैनपुरी, (भाषा)। अर्से से समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ के रूप में पहचान रखने वाले मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस बार अपना परचम लहराने को बेताब है। पिछले करीब तीन दशक से सपा के कब्जे वाली इस सीट पर लड़ाई (मोदी की गारंटी) और (मुलायम की विरासत) के बीच है। राजधानी लखनऊ से लगभग 220 किलोमीटर दूर स्थित मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र सपा का गढ़ है और पार्टी ने लगभग तीन दशकों तक इस सीट को बरकरार रखा है। यह उन पाँच सीटों में से एक थी, जिन्हें सपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में जीता था।
साल 2022 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी बहू डिंपल यादव ने उपचुनाव में यह सीट जीती थी। सीट बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही डिंपल यादव को मुलायम सिंह यादव द्वारा किए गए कार्यों से उम्मीदें हैं। साथ ही वह चुनावी सभाओं में लोगों को याद दिलाती हैं कि उनका एकमात्र उद्देश्य मुलायम सिंह के पदचिन्हों पर चलकर उनकी विरासत को आगे बढ़ाना है। डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में प्रचार करते देखा जा सकता है। उनकी बेटी अदिति यादव अपनी मां के लिए अलग से प्रचार कर रही हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने े कहा, लोग बदलाव चाहते हैं… वे इस बार सत्ता में बदलाव के लिए वोट कर रहे हैं। भाजपा की दबाव की राजनीति के कारण समाज का हर वर्ग परेशान है। लोगों को हर स्तर पर उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है। डिंपल यादव के मैनपुरी से नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान यादव परिवार की एकता देखने को मिली। इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा उनके चाचा रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव भी उनके साथ थे। कुछ स्थानीय निवासियों के अनुसार, डिंपल यादव मैनपुरी में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर स्पष्ट बढ़त बनाए हुए हैं।
बेवर के गग्गरपुर निवासी गौरव यादव ने कहा, यहां से भाभी जी (डिंपल यादव) के अलावा कोई और नहीं जीतेगा। उन्होंने कहा, असली मुद्दों की बात कौन कर रहा है… आखिरकार, वोट जातिगत आधार और क्षेत्रीय कारकों पर दिए जाते हैं। ये दोनों ही सपा के पक्ष में हैं। बसपा द्वारा शिव प्रसाद यादव को सीट से मैदान में उतारने पर प्रतिक्रिया देते हुए थोंकलपुर तिसौली निवासी जिलेदार कठेरिया ने कहा कि मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी सपा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है मगर कामयाब नहीं होगी।
कठेरिया ने कहा, केवल यादव ही नहीं, बल्कि मैनपुरी की पूरी आबादी सपा के साथ है। मैनपुरी और इटावा नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण जाने जाते हैं। भाजपा मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव की जीत का श्रेय मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण उपजी जनता की सहानुभूति को देती रही है और वह इस बार सपा का यह बेहद मजबूत किला फतह करना चाहेगी। भाजपा ने इस बार मैनपुरी से उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री और मैनपुरी सदर सीट से विधायक जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है।