Sunday, November 17, 2024

नीरज चोपड़ा अब कड़ी ट्रेनिंग कर रहे हैं: कोच बार्टोनिट्ज

नयी दिल्ली, (भाषा) भारतीय स्टार नीरज चोपड़ा के जर्मन कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज ने उनकी फिटनेस को लेकर सभी चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि पिछले कुछ महीने से इस भाला फेंक एथलीट को परेशान करने वाली जांघ (एडक्टर) की चोट अब है और यह ओलंपिक चैम्पियन पेरिस के लिए कड़ी तैयारियों में जुटा है। तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचने वाले 26 वर्षीय चोपड़ा 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में शीर्ष पोडियम स्थान के लिए एक बार फिर देश की सर्वश्रेष्ठ दावेदार हैं।

लेकिन फिटनेस देखी जाये तो उनका सत्र बिल्कुल सही नहीं रहा है। हालांकि बार्टोनिट्ज ने कहा कि अब चीजें पटरी पर आ गई हैं। उन्होंने कहा, ”सब कुछ योजना के अनुसार है। फिलहाल जांघ की चोट की कोई समस्या नहीं है, यह ठीक है। उम्मीद है कि ओलंपिक तक ऐसा ही रहेगा। बार्टोनिट्ज करीब पांच साल से चोपड़ा से जुड़े हैं। उन्होंने तुर्किये के अंताल्या से एक विशेष साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, ”ओलंपिक में अभी दो हफ्ते से अधिक समय बचा है इसलिए ट्रेनिंग का स्तर बढ़ा दिया गया है। वह पूरा ‘थ्रोइंग सत्र कर रहे हैं।

चोपड़ा ने 28 मई को एहतियातन ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक से हटने का फैसला किया था क्योंकि उन्हें जांघ में कुछ दर्द महसूस हुआ था। उन्होंने 18 जून को फिनलैंड में पावो नूरमी खेलों में 85.97 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतकर जोरदार वापसी की। फिर चोपड़ा ने सात जुलाई को पेरिस डायमंड लीग में भी नहीं खेलने का फैसला किया और कहा कि यह प्रतियोगिता उनके कैलेंडर का हिस्सा नहीं थी। पेरिस ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा छह अगस्त को क्वालीफिकेशन दौर से शुरू होगी जिससे अभी इसे शुरू होने में दो हफ्ते हैं।

जब बार्टोनिट्ज से चोपड़ा की ट्रेनिंग कार्यक्रम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”हम सुबह में ‘स्प्रिंटिंग, ‘जंपिंग या ‘थ्रोइंग या ‘वेटलिफ्टिंग के सत्र रखते हैं। सुबह और शाम दो सत्र होते हैं जिसमें प्रत्येक दो से ढाई घंटे तक का होता है। उन्होंने कहा कि चोपड़ा का तरीका तोक्यो ओलंपिक से पहले अपनाये गये तरीके जैसा ही है जिसमें वह टूर्नामेंट के बजाय ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और वह अपने ‘ग्रोइन पर दबाव कम करने के लिए अपनी ‘ब्लॉकिंग करने वाले पैर को मजबूती देने पर भी काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”सामान्यत: भाला फेंकना ‘ब्लॉकिंग (तेजी से भागते हुए अच्छी तरह रूककर भाला फेंकना) पर निर्भर करता है। भागते हुए आप जितनी अधिक ऊर्जा से आयेंगे, उतना ही बेहतर होगा। इस सत्र में शीर्ष भाला फेंक खिलाडिय़ों में से किसी ने भी असाधारण प्रदर्शन नहीं किया है और बार्टोनिट्ज ने हमेशा की तरह कहा कि वह चोपड़ा की पदक की संभावनाओं की भविष्यवाणी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ”ओलंपिक में काफी कुछ दांव पर लगा होता है और काफी दबाव होता है जिससे कुछ भी हो सकता है। आंकड़ों के आधार पर पदक का अनुमान लगाना मुश्किल है। कोच ने कहा, ”सभी शीर्ष एथलीट अपनी सर्वश्रेष्ठ तैयारी कर रहे है। वे पेरिस में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं और पदक जीतना चाहते हैं। उनकी तरह ही हम भी दावा कर सकते हैं कि नीरज जीत सकते हैं। पर पदक जीतने की संभावना पक्षपातपूर्ण हो सकती हैं जिसमें गड़बड़ी भी हो सकती है। इस साल सिर्फ जर्मनी के मेक्स डेहिंग ही 90 मीटर से अधिक भाला फेंकने वाले एकमात्र एथलीट हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles