रिलायंस का ये मॉडल चार क्षेत्रों स्वास्थ्य सेवा, शासन, वित्तीय सेवाएँ और शिक्षा में 11 स्थानीय भाषाओं के माध्यम से काम करेगा।

चैट जीपीटी और गूगल जेमिनी एआई को टक्कर देने के लिए अब जल्द ही एक देसी चैटबॉट लॉन्च होने जा रहा है। इस चैटबॉट को रिलायंस डेवलप कर रहा है। जिसे हनुमान के नाम से लॉन्च किया जा सकता है। इसका मकसद बहुत सिंपल है। ये चैट जीपीटी और गूगल जेमिनी एआई प्रीमियम सर्विसेज के लिए पैसे लेती है। ऐसे में ये उम्मीद लगाई जा रही है कि रिलायंस इस चैट बॉट की सर्विसेज फ्री दे सकता है। 

रिलायंस का ये मॉडल चार क्षेत्रों स्वास्थ्य सेवा, शासन, वित्तीय सेवाएँ और शिक्षा में 11 स्थानीय भाषाओं के माध्यम से काम करेगा। ब्लूमबर्ग ने वार्षिक नैसकॉम आईटी उद्योग के मौके पर आईआईटी बॉम्बे के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष गणेश रामकृष्णन के हवाले से कहा कि मॉडल ‘हनुमान’ चैटबॉट लार्ज लैंग्वेज मॉडल की पेशकश करेगा, इसके पास स्पीच टू टेक्सट यूजर फ्रेंडली फीचर भी होगा। 

जियो ब्रेन’ पर चल रहा काम 

लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और अरबपति विनोद खोसला के फंड जैसे प्रमुख वीसी निवेशकों द्वारा समर्थित सर्वम और क्रुट्रिम जैसे कुछ अन्य स्टार्टअप भी देश के लिए अनुकूलित ओपन-सोर्स एआई मॉडल पर काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस जियो विशिष्ट उपयोगों के लिए अनुकूलित मॉडल बनाने की योजना बना रहा है। टेलीकॉम-टू-रिटेल समूह पहले से ही ‘जियो ब्रेन’ पर काम कर रहा है, जो लगभग 450 मिलियन ग्राहकों के नेटवर्क पर एआई का उपयोग करने के लिए एक मंच है। दो महीने पहले जियो इंफोकॉम के चेयरमैन आकाश अंबानी ने बताया था कि कंपनी टेलीविजन के लिए जियो अपना ऑपरेटिंग सिस्टम भी लाने पर विचार कर रही है। 

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