दुनिया योग को वैश्विक भलाई के शक्तिशाली माध्यम के रूप में देखती है
श्रीनगर, (भाषा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया आज योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में देखती है क्योंकि यह लोगों को अतीत का बोझ उठाए बिना वर्तमान में जीने में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यहां शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित मुख्य समारोह में यह बात कही। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि योग ने लोगों को यह महसूस कराने में मदद की है कि उनका कल्याण उनके आसपास की दुनिया के कल्याण से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा, दुनिया योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में देख रही है। योग हमें अतीत के बोझ के बिना वर्तमान क्षण में जीने में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, जब हमारा चित्त शांत रहता है तब हम दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं… योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए तरीके बना रहा है। यह कार्यक्रम डल झील के किनारे एसकेआईसीसी के खुले मैदान में होना था लेकिन लगातार बारिश के कारण इसे बड़े हॉल में आयोजित किया गया। अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने सामूहिक योगाभ्यास में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और योग के प्रति लोगों का आकर्षण भी लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ”मैं जहां भी जाता हूं, शायद ही कोई नेता (अंतरराष्ट्रीय) होता है जो योग के फायदों के बारे में मुझसे बात नहीं करता है। उन्होंने कहा, ”अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुझे योग और साधना की भूमि कश्मीर में आने का सौभाग्य मिला है। योग से हमें जो शक्ति मिलती है, श्रीनगर में हम उसे महसूस कर रहे हैं। मैं देश के सभी लोगों को और दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को कश्मीर की धरती से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देता हूं। मोदी ने तुर्कमेनिस्तान, सऊदी अरब, मंगोलिया और जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि योग की प्राचीन विधाएं वहां तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं और लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में फ्रांस की 101 वर्षीय महिला शारलोट चोपिन का भी जिक्र किया जिन्हें अपने देश में योग को लोकप्रिय बनाने में उनकी सेवाओं के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। मोदी ने कहा कि योग के वैश्विक स्तर पर प्रसार से इसके बारे में धारणा में बदलाव आया है क्योंकि इसके बारे में प्रामाणिक जानकारी हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में लोग भारत की यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”हम अब उत्तराखंड और केरल जैसे राज्यों में योग पर्यटन देख रहे हैं। लोग भारत आ रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रामाणिक योग देखने को मिलता है।
उन्होंने कहा, ”लोग अब फिटनेस के लिए निजी तौर पर योग प्रशिक्षक रख रहे हैं और कंपनियां अपने कर्मचारियों को स्वस्थ रखने के लिए योग के कार्यक्रम भी आयोजित कर रही हैं। इसने आजीविका के नए रास्ते खोले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि योग आज लोगों के सामने आने वाली कई समस्याओं का समाधान भी करता है। उन्होंने कहा, ”योग केवल ज्ञान नहीं है बल्कि विज्ञान भी है। सूचना क्रांति के इस युग में, सूचना स्रोतों की बाढ़ आ गई है और लोगों के लिए एक विषय पर ध्यान केंद्रित करना भी चुनौती बन गया है।उन्होंने कहा, ”इसका भी समाधान योग में है क्योंकि यह ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इसलिए सेना से लेकर खेलों तक, योग लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष परियोजनाओं पर काम करने वाले लोगों को भी योग का प्रशिक्षण दिया जाता है क्योंकि यह काम करने की क्षमता के साथ-साथ सहिष्णुता भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा, ”कई जेलों में तो कैदियों को भी योग सिखाया जाता है ताकि उनकी सोच सकारात्मक हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था और भारत के इस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड था। उन्होंने कहा, ”तब से योग दिवस लगातार नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 10 वर्ष की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर चुका है। आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और योग के प्रति लोगों का आकर्षण भी लगातार बढ़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाए जाने की घोषणा दिसंबर 2014 में की थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस का प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर आया था और इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था। प्रधानमंत्री साल 2015 से हर साल योग दिवस पर आयोजित समारोहों का नेतृत्व करते रहे हैं। उन्होंने दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, रांची, लखनऊ, मैसूर और यहां तक कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय सहित विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर योग दिवस समारोहों का नेतृत्व किया है।
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य विषय ‘स्वयं और समाज के लिए योगÓ है। भारत सहित दुनिया भर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है और लोग इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।मोदी ने संतोष जताया कि जम्मू एवं कश्मीर के लोग भी योग को अपना रहे हैं जिससे केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को मदद मिलेगी।उन्होंने कहा, ”पूरे जम्मू एवं कश्मीर में योग के प्रति जो आकर्षण बना है, जिस उमंग और उत्साह के साथ लोग योग के साथ जुडऩे के लिए आतुर हैं, वह जम्मू कश्मीर के पर्यटन को भी एक नई ताकत देने का अवसर बन गया है।
योग हमारे पूर्वजों-विरासत के प्रति सच्ची श्रद्धा – योगी

लखनऊ, (भाषा)। दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शुक्रवार को राजभवन प्रांगण में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग हमारे पूर्वजों और विरासत के प्रति सच्ची श्रद्धा है। उन्होंने कहा, योग मानवता के अनुकूल है, जो देश, समाज, काल परिस्थितियों से बाधित होकर भी संपूर्ण मानवता के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करता है। इस कार्य के साथ यदि हम जुड़ते हैं और संपूर्ण मानवता को जोड़ते हैं तो यह पूर्वजों और विरासत के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा कहलाती है। योगी ने कहा, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हम सभी के लिए भारत की इसी परंपरा के प्रति, इसी श्रद्धा को व्यक्त करने का एक माध्यम है।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई और फिर राजभवन गीत प्रस्तुत किया गया। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को तुलसी का पौधा देकर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “यह हमारा सौभाग्य है कि योग दिवस के अवसर पर हम अपनी विरासत का स्मरण करते हुए भारत की ऋषि परंपरा के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं।”उन्होंने कहा कि यह अवसर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदान किया है, जिनके दृष्टिकोण और प्रयासों का परिणाम है कि आज दुनिया के लगभग पौने दो सौ देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ”भारत की इस विरासत के साथ खुद को जोड़कर हमारी संस्कृति और परंपरा को गौरवान्वित कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत की ऋषि परंपरा को देखें तो उन लोगों के पास कितनी दूरदर्शिता थी, किस तरह उन्होंने समाज को जोड़ा। धर्म को योग के साथ जोडऩे का एक अभिनव प्रयास इस रूप में हुआ।”उन्होंने कहा, “जब हम धर्म की बात करते हैं तो धर्म के दो हित सामने दिखते हैं। एक है इस लोक में विकास, खुशी और खुशहाली के लिए कार्य करना और दूसरा है जन्म के बाद मोक्ष की प्राप्ति। सभी कार्य तभी पूर्ण हो सकते हैं जब आपका शरीर, काया स्वस्थ हो।”मुख्यमंत्री ने लोगों से योग को नियमित अभ्यास का हिस्सा बनाने की अपील की।