नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पूर्व सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलायी। यह बैठक संसद की कार्यवाही के लिए सहमति बनाने के मुद्दे पर हुई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने की और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इस बैठक का आयोजन किया। बैठक में चिराग पासवान और कांग्रेस से प्रमोद तिवारी और गौरव गोगोई भी शामिल हुए। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने बताया कि टीडीपी नेता इस मामले पर चुप रहे। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद की मांग की और साथ ही नीट का मुद्दा भी उठाया।
जयराम रमेश ने ये भी दावा किया कि जदयू ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। सत्तारूढ़ एनडीए में एक प्रमुख सहयोगी जेडी(यू) ने हाल ही में बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा या पैकेज की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। राजद सांसद ने संसद में विपक्षी सांसदों को भी बोलने की मंजूरी देने की अपील की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने नीट-यूजी का मुद्दा उठाया। साथ ही ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नामपट्टिकाओं का मुद्दा उठाया।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के जयराम रमेश और के सुरेश, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, राजद के अभय कुशवाहा, जदयू के संजय झा, आप के संजय सिंह, सपा नेता रामगोपाल यादव और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल आदि नेता बैठक में मौजूद थे।एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने सर्वदलीय बैठक को लेकर कहा कि ये औपचारिकताएं हैं, हर सत्र से पहले ऐसी बैठकें बुलाई जाती हैं। बजट सत्र पर सभी दलों ने अपने सुझाव दिए हैं। कई दलों ने अपने-अपने राज्यों के मुद्दे उठाए हैं।