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ओमशंकर ने तोड़ा आमरण अनशन, अब लड़ेंगे कानूनी लड़ाई

वाराणसी। बीएचयू कार्डियोलाजी विभाग में मरीजों को बेड उपलब्ध कराने और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे प्रोफेसर ओमशंकर ने किन्नर व अल्पसंख्यक समाज की मौजूदगी में गुरुवार को 20वें दिन अपना अनशन समाप्त किया। महात्मा गांधी के प्रपौत्र और गांधीवादी चिंतक तुषार गांधी ने जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया। प्रोफेसर ने अब न्याय के लिए कानूनी लड़ाई लडऩे की बात कही है।

इस दौरान प्रोफेसर ने कहा कि यदि समाज को गरीब और वंचित की खाई से बाहर निकालना है तो समाज के गरीबों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से 10 फीसद बजट उनके शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि लोग आज उठकर संघर्ष नहीं करेंगे तो न तो संविधान बचेगा और न देश। बीएचयू इसका नमूना है कि कैसे यहां संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब कानून लड़ागी लड़ी जाएगी।

बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ व कार्डियोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर हृदय रोगियों के लिए बेड उपलब्ध कराने की मांग को लेकर पिछले 20 दिनों से अनशन पर बैठे थे। उन्होंने पहले वीसी आवास के बाहर अपना अनशन शुरू किया, लेकिन अधिकारियों के समझाने के बाद अपने चेंबर के बाहर अनशन पर बैठ गए। इसी बीच बीएचयू प्रशासन की ओर से उन्हें विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया था। तुषार गांधी के साथ ही प्रोफेसर आनंद कुमार व अन्य लोग भी मौजूद रहे।

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