Site icon sanmargvns.com

किसके सिर सजेगा सांसद का सेहरा,फैसला कल

मनोहर कुमार
डीडीयू नगर। चंदौली को धान के कटोरे के रूप में ही पहचान नहीं हैं।यहां नहरों का जाल भी।एशिया का सबसे बड़ा मार्शलिंग यार्ड है तो पंडित दीन दयाल जंक्शन भी देश में मशहूर है।यहां राजनीतिक भी देश में परचम फहरा रही है। यहां की राजनीतिक धरती दिग्गज समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया को हरा सकती है।किसी को लगातर तीन बार सांसद बनने का मौका भी दे चुकी है। चंदौली लोकसभा में सभी दलों का बारी बारी मौका भी दे चुकी है। इस बार का चुनाव 2004 और 2009 के परिणाम का मंजर दिखा सकता है या एक तरफा जीत का आंकड़ा दे सकता है।चंदौली संसदीय सीट पर सांसद का सेहरा किसके सिर बंधेगा इसमें मात्र कुछ घंटे बचे हैं।लेकिन कयासों और चर्चाओं का बाजार गर्म है।क्या महेंद्र पांडेय अपनी ही पार्टी के रिकार्ड की बराबरी करेंगे या बीरेंद्र सिंह इंडिया गठबंधन के पहले सांसद होने का गौरव हासिल करेंगे या फिर सत्येंद्र मौर्य दूसरी बार हाथी को दिल्ली पहुंचाएंगे।

चंदौली लोकसभा सीट की सियासत अजब-गजब है।इस सीट पर 1952 से चुनाव हो रहा है।यहां से पहले सांसद त्रिभुवन सिंह रहे हैं। वह बाद में कुछ समय के लिए यूपी के मुख्यमंत्री भी रहें।उन्होंने दिग्गज समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया को पटखनी दी थी।इसके बाद इस सीट से कांग्रेस पांच बार ,भाजपा पांच , सपा दो बसपा एक,सोशलिस्ट पार्टी दो,जनता दल एक बार जीत दर्ज कर चुकी है। भाजपा ने यहां पर मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री डा महेंद्र नाथ पांडे पर तीसरी बार भरोसा जताया । इंडिया गठबंधन से बीरेंद्र सिंह और बसपा से सत्येंद्र कुमार मौर्य के अलावा सात अन्य प्रत्याशी भी हैं।ऐसे में इस बार मुकबला बेहद दिलचस्प है गठबंधन , बसपा और भाजपा गिरे वोटिंग प्रतिशत से यहां पर जीत और हार का मामला उलझ गया है।

मोदी लहर से भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में चंदौली में जीत दर्ज की थी।2019 के चुनाव में भाजपा का दबदबा कायम रहा।वैसे मतदान के दो दिन तक समर्थक अपने अपने उम्मीदवारों को समझने में लगे हैं।वोटिंग प्रतिशत ने सभी प्रत्याशियों की नींद को सुगमता प्रदान की है। लोकसभा में मतदान होने के बाद प्रत्याशी अपने अपने घर पर मौजूद हैं ।समर्थक सुबह से ही पहुंचकर शाम तक जीत की अंक गणित को लगाते रहे। 10 प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में लॉक हैं।समर्थक लगभग 60 फीसदी पड़े मतों की जातीय और राजनीतिक तरीके से मूल्यांकन करने में लगे हैं। कल सुबह आठ बजे से मतगणना आरंभ होगी। प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो गई। अब देखना है कि किसके सिर पर सांसद का सेहरा बंधता है।

Exit mobile version