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कुपोषण से जंग लड़ रहे 25891 नौनिहाल

कुपोषण को खत्म करने के लिए कई चलाई जा रहीं योजनाएं बेअसर

आजमगढ़। कुपोषण को खत्म करने के लिए कई चलाई जा रहीं योजनाएं बेअसर साबित हो रही हैं। तमाम कवायद के बावजूद जिले के 25891 बच्चे कुपोषण से जंग लड़ रहे हैं। इनमें 6154 बच्चे अति कुपोषित और 19737 कुपोषित है। मंडलीय अस्पताल में बने पोषण पुनर्वास केंद्र में एक बच्चे को भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा है। बच्चों में कुपोषण खत्म करने के लिए जिले में कुल 5588 आंगनबाड़ी केंद्र बने हैं।

यहां पर ऐसे बच्चों की लंबाई और वजन के हिसाब से उनके स्वास्थ्य की जांच होती है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर 495427 बच्चे पंजीकृत हैं। बीते अप्रैल माह में इन बच्चों का वजन किया गया। इनमें से 25891 बच्चे कुपोषण का शिकार पाए गए। इनमें से 6154 बच्चे गंभीर कुपोषित हैं। जबकि 19737 बच्चे कुपोषित पाए गए। मंडलीय अस्पताल में अति कुपोषित बच्चों के पोषण पुनर्वास केंद्र का निर्माण किया गया है। जिसमें गंभीर कुपोषित बच्चों को एडमिट कर उनका उपचार किया जाता है। पोषण पुनर्वास केंद्र में वर्तमान में चार बच्चे कुपोषण के शिकार होकर अपना उपचार करा रहे हैं।

जिसमें अहरौला थाना क्षेत्र के बहेरा गांव निवासी अर्नव गिरी छह माह, अतरौलिया थाना क्षेत्र के सोमापुर गांव निवासिनी याशिका चार वर्ष, मेंहनगर थाना क्षेत्र के रामपुर बढ़ौना निवासी अंकुश आठ माह और अतरौलिया के जयरामपुर निवासिनी आराध्या नौ माह शामिल हैं। चिकित्सकों द्वारा इन बच्चों का उपचार किया जा रहा है। ताकि इन्हें कुपोषण से बाहर निकाला जा सके।

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