दशाश्वमेध-अस्सी घाट पर सबसे ज्यादा भीड
वाराणसी, सन्मार्ग। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर काशी के 84 घाटों पर आस्था का सलाम उमड़ा। काशी में सूर्य की पहली किरण के गंगा की लहरों को छूते ही सभी घाट जय गंगा मैया और हर हर महादेव के उद्घोष से जगमग हो उठे। कहा जाता है कि काशी में महादेव के प्रति लोगों की जितने आस्था है, उतनी ही मां गंगा के प्रति भी है।गंगा दशहरा पर काशी के घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा। बच्चे, बड़े, बूढ़े, महिलाएं सभी ने गंगा के पावन जल में आस्था की डुबकी लगाई। ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष गंगा दशहरा के दिन ही भगवान शंकर की जटा से वृषभ लग्न में मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं। इस बार 23 साल बाद पंच महायोग बन रहा है। इस महायोग में हर कोई मां गंगा का दर्शन-पूजन कर अमृत फल की कामना कर रहा है।
वाराणसी के गंगा घाटों पर श्रद्धालु मां गंगा में पुण्य के लिए गोते लगा रहे हैं, तो 84 घाटों पर पूजन व आरती भी हो रही है। आज, मां गंगा को करीब 11 सौ मीटर लंबी चुनरी चढ़ाई जाएगी, जो 250 महिलाओं ने भेंट की है। दशाश्वमेध, अस्सी और पंचगंगा घाट पर विशेष पूजन होना है।
वहीं, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में शाम को संगीत की रसधार बहेगी। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर भोर से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी पड़ी है। लोग घाटों पर दान पुण्य के साथ-साथ गंगा आरती कर पुण्य के भागी बन रहे हैं।गंगा दशहरा पर उमड़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन के ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 84 घाटों पर एनडीआरफ जल पुलिस एवं कांस्टेबल, महिला कांस्टेबल के साथ ड्रोन कैमरा से निगरानी हो रही थी।
22 देव कन्याएं करेंगी गंगा आरती
वाराणसी में शाम को दशाश्वमेध घाट पर 33 अर्चक गंगा की महा आरती उतारेंगे। शंखनाद के साथ 22 देव कन्याएं भी गंगा आरती करेंगी। यहां पर दिल्ली के सांसद और भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी गंगा मां पर भजन सुनाएंगे। वही अस्सी घाट पर मां गंगा के आर-पार की चुनरी चढ़ाई जाएगी। 1008 साडिय़ों को आपस में जोड़ कर इस पार से उस पार तक भक्त नांव से जाएंगे। कार्यक्रम संयोजक श्रवण कुमार मिश्र के अनुसार, शाम को 7 अर्चकों द्वारा मां गंगा की आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। गायन, वादन और नृत्य की प्रस्तुतियां बनारस घराने के कलाकारों द्वारा दी जाएंगी।