वाराणसी। गर्मी के तापमान के साथ-साथ बिजली की खपत बढ़ती जा रही है। पिछले साल गर्मी में बिजली की खपत 650 मेगावॉट तक गई थी जो इस साल 800 मेगावॉट के पार पहुंच गई। बिजली विभाग के अधिकारी लगातार बेहतर बिजली व्यवस्था का दवा कर रहे लेकिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 8-9 घंटे की लंबी बिजली कटौती ने लोगों के रात की नींद गायब कर दी है।
मुख्य अभियंता अरविंद कुमार सिंघल ने बताया कि शहर में बिजली की खपत के चलते ट्रांसफार्मर भी जल रहे हैं और एरियल बंच कंडक्टर यानी एबीसी भी जल रहा है। शनिवार को शहर में बिजली की खपत 802 मेगावाट रही। उन्होंने बताया कि बारिश होने के बाद ही कुछ राहत मिलने के आसार हैं। उपकेंद्रों की मॉनिटरिंग की जा रही है हेल्पलाइन नंबर पर जो भी शिकायत आ रही है उसका त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। बिजली कटौती से परेशान लोग रात में अपनी छतों पर घूमते दिखाई दे रहे हैं। बिजली विभाग द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके बिजली कटौती का कारण पूछ रहे हैं। इतना ही नहीं एक्स पर सबसे ज्यादा काशीवासी अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं।
काल भैरव मंदिर क्षेत्र में रहने वाले मनोज जैन ने प्रदेश के उर्जा मंत्री एके शर्मा के पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि वाराणसी की बिजली व्यवस्था बहुत खराब चल रही है काल भैरव क्षेत्र में रात 11.30 से बिजली कटी है सुबह हो रही है अभी तक गायब है।
कोई सुनवाई नहीं हो रही है जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है?। 2017 के बाद से वाराणसी में इस साल सबसे ज्यादा बिजली लोकल फॉल्ट के नाम पर कटी है। लक्सा, गोदौलिया, कमच्छा, रथयात्रा, मलदहिया, सिगरा, महमूरगंज, अवलेसपुर, चितईपुर, लहरतारा, लेढुपुर, पहडिया, शंकुलधारा, मंडुआडीह, सामने घाट, मढ़ौली, प्रहलादघाट, मच्छोदरी, बेनियाबाग, मैदागिन, जैतपुरा, नदेसर, सुंदरपुर, बांसफाटक, मंडुआडीह, सारनाथ, पहडिय़ा, पांडेयपुर, पड़ाव, करसड़ा, अमरा आदि। मुख्य अभियंता अरविंद कुमार सिंघल ने बताया कि आम उपभोक्ता बिजली संबंधी समस्या के लिए टोल फ्री नंबर 1912 पर भी फोन कर सकते हैं। फिर नजदीक के बिजली उपकेंद्र, फीडर से भी बिजली कटौती की जानकारी ले सकते हैं। कहीं कोई फॉल्ट है तो तत्काल बिजली कर्मियों को सूचित किया जा सकता है।